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किताब – More Days at the Morisaki Bookshop
पहला भाग – Days at the Morisaki Bookshop
लेखक – Satoshi Ozawa
अनुवादक – Eric Ozawa
प्रकाशक – Manilla Press
पृष्ठ – 167
विधा – Fiction
मूल्य – 399
“More Days at the Morisaki Bookshop”, जापानी लेखक Satoshi Yagisawa की चर्चित किताब Days at the Morisaki Bookshop का अगला भाग है। Satoshi को Days at the Morisaki Bookshop के लिए “Chiyoda Literature Prize” भी मिल चुका है।
तो पिछली किताब को पढ़ कर मन हुआ कि इसका दूसरा भाग भी पढ़ लिया जाये। वैसे अच्छा ही किया , मुझे ये किताब पिछले वाले से ज्यादा अच्छी लगी। पहली भाग में कहीं न कहीं कुछ अधूरा सा लग रहा था , पर सारे गिले शिकवे दूसरा भाग पढ़ कर ख़तम हो गए।
अभी आते किताब की कहानी पर और उसके बाद देखेंगे कि क्या अच्छा था या क्या खराब।

More Days at the Morisaki Bookshop की कहानी
कहानी की बात करें तो अगर आपने पहली किताब (Days at the Morisaki Bookshop) पढ़ी है तो आपको इस किताब के सारे पात्र पता होगा। और अगर आपने नहीं पहली भाग नहीं पढ़ी है , तो भी कोई दिक्कत नहीं है। क्योंकि कहीं पर भी आपको ऐसा महसूस नहीं होगा कि मुझे पहला भाग पढ़कर इस किताब को उठाना चाहिए था। फिर भी आगे बढ़ें से पहले थोड़ा पिछले भाग की कहानी की बात कर लेते है। कहानी की मुख्य किरदार है , Takako , उसके अंकल Satoru और उसकी आंटी Momoko .
पहली किताब में कुछ ऐसा था कि जब Takako का दिल टूटा हुआ था तो वो कुछ दिनों के लिए Morisaki Bookshop के दूसरे तल्ले पर रहने के लिए आती है। Takako को किताबें पढ़ने में कोई दिलचस्पी नहीं रहती है पर जब Takako को एक रात कुछ समझ नहीं आ रहा था तो उसने एक किताब पढ़नी शुरू कर दी। और धीरे धीरे वहाँ किताबों के बीच में रहते हुए, Takako की दिलचस्पी किताबों में बढ़ गयी।
वहीं Satoru की बात करें तो वो Morisaki Bookshop को चलाते है और साथ ही साथ किताबें पढ़ने के शौक़ीन है। उनकी पत्नी Momoko कुछ साल पहले उन्हें छोड़ कर चली गयी थी और जब वापस आयी तो अपने साथ वो सच भी ले आयी कि आखिर वो गयी क्यों थी।
दूसरी किताब में शुरुआत वहीं से होती है, जहाँ पहली किताब खत्म हुई थी। सब रिश्तों में एक डेवलपमेंट देखने को मिला। इस किताब का कई सारी और किताबों का जिक्र आया और सही बताऊँ तो ये दूसरी किताब पढ़कर सच में अच्छा लगा। भले ही ऐसा कहानी के तौर पर कोई सस्पेंस या थ्रिलर जैसा नहीं है , फिर भी ये किताब आपके दिल के किसी कोने को जरूर छू पायेगी। और अगर आप इस किताब को उठा रहे हो तो किताब के टाइटल से ही पता चलता है कि सस्पेंस जैसा नहीं बल्कि किताब की दुकान पर बैठ कर कुछ observation जैसा होगा।
More Days at the Morisaki Bookshop के बारे में मेरे विचार
मुझे More Days at the Morisaki Bookshop अपने पहली भाग से ज्यादा अच्छी लगी। इसमें रिश्तों में भी development अच्छे से दिखाया गया है और राइटिंग लेवल पर भी ये किताब ज्यादा अच्छी लगी। जहाँ ये किताब पाठकों को किताबों को लेकर कनेक्ट करती है वहीं इमोशनल लेवल पर भी ये किताब कनेक्ट करेगी। इस भाग में कई सारी किताबों और उनके लेखकों के बारे में भी जिक्र किया गया है। और सिर्फ जिक्र ही नहीं , कई बार उन लेखकों को उनकी स्पेस भी मिली है , जो मुझे पिछली किताब में missing लग रही थी।
Momoko का किरदार एक तरफ enthuastic है वही दूसरी तरफ काफी सुलझा हुआ भी है। एक तरफ Takako जहाँ सिचुएशन से भागने की कोशिश करती है वहीं दूसरी तरफ Momoko सिचुएशन का बहादुरी से सामना करती हुई दिखती है। कुल मिलाकर सारे पात्र वास्तविक से लगते है और एक साथ मिलकर कहानी को एक अच्छा रुख देते है।
कई सारे छोटे छोटे खूबसूरत पल मुझे बड़े अच्छे लगे। जैसे Takako और Wada का कॉफ़ी शॉप पर मिलना और तमाम बातों के साथ किताबों के बारे में बातें करना। सोच कर देखिये , कितना सुकून मिलता है अगर आपका पसंदीदा इंसान आपके साथ हो और आप उससे अपनी पसंदीदा किताब के बारे में बात कर रहे हो।
और एक बार जब Takako और Takano मिलकर Tomo के लिए ऐसी किताब ढूँढ रहे होते है जो असल में होती ही नहीं। दोस्ती में ये effort देखकर हो सकता है आपको अपने किसी दोस्त की याद आ जाये और क्या पता इसी बहाने आप किसी खास मित्र का हाल खबर ले लें।
क्या आपको More Days at the Morisaki Bookshop पढ़नी चाहिए ?
अगर आप उन लोगों में से है , जिन्हे किताबें , किताबों की पुरानी दुकानों से लगाव है , किसी किताब की दुकान में आप भी कम से कम एक दिन बिताना चाहते है , दोस्तों से किताबों के बारे में बातें करना पसंद है , प्यारी और छोटी किताबें पढ़ना पसंद है तो आपके लिए ये किताब है। मुझे तो More Days at the Morisaki Bookshop काफी पसंद आयी और ये किताब मैं आप लोगों को भी recommend करुँगी।
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