शर्ट का तीसरा बटन (Shirt ka Teesra Button)

Shirt ka Teesra Button
Shirt ka Teesra Button

इस किताब का शीर्षक कुछ अलग सा है न शर्ट का तीसरा बटन  (Shirt ka Teesra Button) ? मैंने भी यही सोचा था और अक्सर मेरे हाथ में जितने भी लोगों ने ये किताब देखी उन्होंने ने भी यही सोचा । पर आप जब किताब पढ़ रहे होंगे तो आपको अंदाजा हो जाएगा कि आखिर ऐसा शीर्षक क्यों। इतना सटीक है इस किताब का नाम ” शर्ट का तीसरा बटन ” रखना । कवर पेज में बटन का गुलाबी रंग का होना, आधे भाग को पीले और आधे भाग को सफेद रंगना, सब कुछ आपको किताब पढ़ने के साथ साथ समझ आ रही होगी।

इस किताब के खतम होते होते भावुकता एकदम चरम पर थी। मुझे एक कप कॉफी की जरूरत पड़ी थी। कहानी का कोई एक महत्वपूर्ण पात्र नहीं है। बल्कि हर पात्र की अपनी एक जगह है और सबको उतना ही महत्व मिला है। चाहे वो राजिल हो, राधे, चोटी (अरमान), गजल, राधे के पापा, गजल के अब्बू, राजिल की मां, या जो भी हो।

मुझे “शर्ट का तीसरा बटन  (Shirt ka Teesra Button) ” ने शुरू से अंत तक बांधे रखा। मुझे चोटी से एक अलग ही लगाव किताब के शुरुआत से ही रहा और इसलिए चोटी के अंत के बाद मुझे आगे बढ़ने के लिए थोड़े समय की जरूरत पड़ी। लेखक की लेखनी ने कमाल का जादू किया है। हर एक मोड़, हर एक किरदार के बारे में जानना रोमांचक रहा।

मानव जी ने एक बच्चे के भाव को बखूबी उतारा है। छोटे से बड़े होने का सफर और उस वक्त हो रहे शारीरिक और मानसिक बदलावों को भी बखूबी लिखा है। बच्चे के ऊपर हर एक बात का किस तरह से प्रभाव पड़ता है, बच्चे अपने बड़े होने के बारे में कैसा सोचते है, साधारण बच्चे दुनिया को, अपने गांव की, अपने दोस्तों को, अपने परिवार की किस तरह देखते है, सब कुछ मानव जी ने बहुत ही अच्छे तरीके से लिखा है।

एक और चीज जो कहानी के साथ साथ आगे बढ़ी है वो है दो किताबें “चित्रलेखा” और “क्राइम एंड पनिशमेंट” और इन किताबों के किरदार। जो संवाद और जो पात्र इनके किरदारों के बीच में किए गए उनको पढ़कर बहुत अच्छा लगा।

आप हिंदी किताबें पढ़ते है तो ये किताब जरूर पढ़ सकते है।

p.s. मुझे व्यक्तिगत रूप से चोटी को लेकर बहुत तकलीफ़ हुई। अगर आप किसी के दोस्त है तो उनकी तकलीफ़ से भागने की बजाय, उनको सुने , समझे और सच में कुछ उपाय ढूंढने की कोशिश करें। और अगर आप अभिभावक है तो अपने बच्चे की कही बातों को यूं न जाने दे, बल्कि गौर करें, उन्हें सुने और उन्हें समझने का प्रयास करें।

Manav Kaul के बारे में 

Manav kaul का जन्म 19 दिसंबर 1976 को बारामुल्ला में हुआ था। बाद में उनका परिवार मध्य प्रदेश , होशंगाबाद shift हो गया। Manav Kaul एक multi – talented कलाकार हैं। Manav Kaul, writer होने के साथ – साथ actor , playwriter , theatre director भी है।

Manav Kaul

Manav Kaul की किताबें

Manav Kaul की कुल अब तक 13 किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं। उनकी latest किताब कतरनें है। 

उनकी बाकी किताबें है –

  1. ठीक तुम्हारे पीछे ( कहानियाँ ) – अभी खरीदें
  2. प्रेम कबूतर ( कहानियाँ ) – अभी खरीदें
  3. तुम्हारे बारे में ( न कविता , न कहानी ) – अभी खरीदें
  4. बहुत दूर, कितना दूर होता है (यात्रा – वृत्तांत ) – अभी खरीदें
  5. चलता – फिरता प्रेत (कहानियाँ ) – अभी खरीदें
  6. अंतिमा ( उपन्यास ) – अभी खरीदें
  7. कर्ता ने कर्म से ( कविताएँ ) – अभी खरीदें
  8. शर्ट का तीसरा बटन (उपन्यास ) – अभी खरीदें
  9. रूह ( यात्रा – वृत्तांत ) – अभी खरीदें
  10. तितली ( उपन्यास ) – अभी खरीदें
  11. टूटी हुई बिखरी हुई ( उपन्यास ) – अभी खरीदें
  12. पतझड़ ( उपन्यास ) – अभी खरीदें

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