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White Nights Book Review in Hindi | तन्हाई और उम्मीद की कहानी

किताब – White Nights
लेखक – Fyodor Dostoevsky
विधा – Classic / Fiction
पृष्ठ – 95
प्रकाशक – Om Books International

White Nights

White Nights दोस्तोवोस्की का एक लघु उपन्यास है। ये किताब पहली बार 1848 में प्रकाशित हुई थी। White Nights, अकेलापन , सपने , प्रेम , कल्पना और उम्मीद की कहानी है। इस कहानी की पृष्ठभूमि , सेंट पीटर्सबर्ग है। 

White Nights के पात्र

White Nights किताब के दो मुख्य पात्र है। नायक जो खुद ही कहानीकार है, लेकिन उसके  नाम का पूरे किताब में कोई खुलासा नहीं है। और नायिका है Nastenka .

नायक एक ऐसा व्यक्ति है जो खुद में ज्यादा रहता है।अगर नायक के लिए हम कोई नाम देना चाहे तो वो होगा dreamer . उसके सपनों की एक दुनिया है , जिसमे वो अक्सर खोया होता है। यूँ कह ले कि नायक की तन्हाई में उसके सपनों का सहारा है। नायक को अकेले हो जाने से डर लगता है , वो तीन दिन तक इसी दुःख में अकेले ही घूमता है। नायक को ऐसा लगता है कि , वो उस जगह के लोगों को जानता है , यहाँ तक कि वो वहाँ के घरों को भी जानता है। उसे ऐसा लगता है कि वे घर उसके लिए सड़कों पर दौड़ते हुए उसे हर खिड़की से देखते है और गुड मॉर्निंग कहते है।

अगर नायिका के बारे में बात करें तो , नायिका अपनी दादी के साथ रहती है। नायिका की दादी देख नहीं सकती इसलिए एक दिन उन्होंने एक पिन लिया और नायिका के कपड़े को अपने कपड़ों से पिन कर दिया ताकि वह दूर न जा सके । नायिका की दादी का घर है , जहाँ ये लोग रहते है। उनके घर के ऊपर वाले तल्ले पर पर कोई न कोई किरायेदार रहता है। दादी की पेंशन और इस किराये से नायिका का घर चलता है। नायिका के खुद के बारे में बहुत ज्यादा बातें नहीं है , पर कहीं न कहीं नायिका भी अकेली ही है।

ऐसा लगता है जैसे नायिका अपने जीवन में स्वतंत्रता और प्रेम की तलाश में हो। नायिका का इतिहास है जिसके बारे में हम आगे बात करेंगे।

नायक और नायिका की मुलाकात

नायक एक दिन जब बाहर से घूमकर आ रहता था तब उसने नायिका को पहली बार एक नहर की रेलिंग के पास खड़ा देखा। नायक ने थोड़ा गौर दिया तो उसे पता चला कि नायिका रो रही है। नायक ने नायिका की तरफ कदम बढ़ाया , उसे आवाज भी दी पर नायिका ने भाव नहीं दिया।

पर हुआ कुछ यूँ कि नायिका को नायक ने उस रात किसी अजनबी से बचाया और इसी बहाने उन दोनों की बात शुरू हुई। ये रात नायक और नायिका की मुलाकात की पहली मुलाकात थी।

White Nights की चार रातों की कहानी

White Nights में नायक और नायिका की कहानी कुल मिलाकर चार मुलाकातों में लिखी है। इन दोनों के पहली बार टकराने से इनकी कहानी शुरू होती है और चार मुलाकातों में ये अपनी ज़िन्दगी के दुःख एक दूसरे से साझा करते है। इन्हीं चार मुलाकातों में नायक को एहसास होता है कि उसे नायिका से प्रेम है। उसे लगता है कि ये न जाने कब के बिछड़े है जो अब जाकर मिले। नायक को लगता है कि नायिका ने उसकी ज़िन्दगी बदल दी है। नायिका ने उसे समझा है , उसे ज़िन्दगी को लेकर एक नयी उम्मीद दी है। 

पर जैसा कि मैंने पहले लिखा था कि नायिका का एक इतिहास है। दरसअल नायिका को उसके यहाँ रहने वाले एक किरायेदार से प्रेम होता है , जो उसे एक साल पहले इस उम्मीद में छोड़ कर गया होता है कि वो एक साल बाद वापस आएगा और ये दोनों शादी करेंगे। नायिका उस शख्स के ही इंतजार में थी जब नायक से टकराई।

अब कहानी कैसा मोड़ लेती है, नायक और नायिका मिलते है या फिर नायिका का प्रेमी वापस आ जाता है , ये सब जानने के लिए तो आपको किताब पढ़नी पड़ेगी। हाँ मैं अपने विचार जरूर यहाँ साझा करूंगी।

White Nights के बारे में मेरे विचार

पढ़ते समय मेरे मन में एक विचार बार बार आ रहा था कि , कहानी तो ऐसे कोई बहुत असाधारण सी तो नहीं है फिर White Nights को क्यों इतना पसंद किया गया है। क्यों इस किताब को क्लासिक में रखा गया है। पर फिर इस विचार को काटते हुए ही मेरे मन में ये आया कि भले से ऊपर से देखे तो कहानी साधारण ही है पर लिखने का तरीका , भावनाओं की गहराई , अकेलेपन संघर्ष , प्रेम की कल्पना ये सब इतने कम शब्दों में लिख पाना हर किसी के बस की बात नहीं है।

किताब सिर्फ 95 पन्नों की है , हिसाब किताब सिर्फ चार मुलाकातों का लेकिन गहराई ज़िन्दगी भर की। सबसे ज्यादा दिलचस्प मुझे कुछ लगा तो वो है दोस्तोवोस्की की लेखनी। कैसे बहुत ही साधारण बात को इन्होने इतना दिलचस्प बनाया। मानव संवेदना को , सपनों को , विचारों को , प्रेम की कल्पना को इतने खूबसूरत तरीके से लिखा।

एक और बात , मैंने पढ़ा कि ये किताब प्रेम के बारे में है पर मुझे लगता है कि ये किताब प्रेम से ज्यादा अकेलेपन , तन्हाई के बारे में है। ऐसे लोगों की कहानी जो अपने अकेलेपन से दूर किसी का साथ अपनाना चाहते है , किसी से अपने दिल की बात कहना चाहते है। और कई बार जब ऐसा कोई शख्स मिल जाता है जिससे दिल की बात साझा की जाये , वहाँ प्रेम जैसी भावना का भ्रम भी पैदा हो सकता है।

कहानी के अंत पर आप थोड़ा रुक कर जरूर सोचेंगे। तभी जब आप सोच रहे होते है कि सब कुछ अच्छा है ,उम्मीद की किरण सामने ही दिख रही है ठीक उसी समय कुछ ऐसा हो सकता है जिसकी कल्पना कभी न हुई हो।

इस किताब से एक बात साफ जाहिर है कि दोस्तोवोस्की ने प्रेम की परिभाषा में त्याग को बहुत स्थान दिया है। इस कहानी में जिन दो बातों को मुख्य बनाया गया है , प्रेम और अकेलापन , वो हर किसी की ज़िन्दगी में कही न कहीं , किसी न किसी मोड़ पर मौजूद होता है। दोस्तोवोस्की ने हम सबके बीच की ही कहानी लिखी है। हो सकता है कि ये भी एक वजह हो जो ये White Nights पाठकों के करीब हो।

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