More Days at the Morisaki BookShop Review in Hindi
More Days at the Morisaki Bookshop, लेखक Satoshi Yagisawa की किताब Days at the Morisaki Bookshop का अगला भाग है।मुझे ये किताब अपने पहली भाग से ज्यादा अच्छी लगी।
Book Reviews
More Days at the Morisaki Bookshop, लेखक Satoshi Yagisawa की किताब Days at the Morisaki Bookshop का अगला भाग है।मुझे ये किताब अपने पहली भाग से ज्यादा अच्छी लगी।
काशी का अस्सी (Kashi Ka Assi), काशीनाथ सिंह जी द्वारा रचित एक बहुचर्चित उपन्यास है। एक ऐसा उपन्यास जो बच्चों और बूढ़ों के लिए नहीं है। काशी का अस्सी ऐसे वर्ग के लिए है जो वयस्क है।
मैंने पढ़ा कि White Nights प्रेम के बारे में है पर मुझे लगता है कि ये किताब प्रेम से ज्यादा अकेलेपन , तन्हाई के बारे में है।
Days at the Morisaki Bookshop किताब का भाग 1 पढ़ कर मुझे काफी अच्छा लगा। काफी smooth और soothing था।
मैं आप लोगों के लिए 5 हिंदी की किताबें (5 hindi books) लेकर आयी हूँ जो आप 2025 में पढ़ सकते है। जब आप इन किताबों को पढ़ेंगे तो आपको यकीन होगा कि हाँ आपने कोई अच्छी किताब पढ़ी है।
आजकल लोग प्रेम कहानियाँ लिखने में 300 पन्ने खर्च कर डाल रहे है , लेकिन फिर भी उनकी कहानी में वो गहराई नहीं आ पा रही जो आपको अमृता जी की 100 पन्नों की कहानी “रंग का पत्ता (Rang ka Patta)” में मिल जाएगी।
कहानी अपने शीर्षक को पूरी तरीके से justify करती है। क्योंकि सच में अमन को देखकर और जिस हिसाब से ये कहानी है उसे पढ़ कर यही लगता है ये कि ये too good to be true है।
स्वदेश दीपक(Swadesh Deepak) की काल कोठरी और सबसे उदास कविता पढ़ी है , और इनको पढ़ कर मुझे ऐसा लगता है कि स्वदेश दीपक(Swadesh Deepak) जी बोल्ड विषय उठाते है, और उनके किरदार भी बोल्ड होते है
आपका बंटी(Aapka Bunty) किताब में बच्चे की मनःस्थिति को जिस तरीके से मन्नू जी ने लिखा हुआ है वो पढ़ कर आँखों से आंसू भी आते है और दिल में एक टीस भी उठती है।
साक्षात्कार(Sakshatkar) की शुरुआत अच्छी लगी मुझे और अंत भी अच्छा था पर बीच में जो घुमाया गया है , उसको पढ़ने के बीच में मुझे ऐसा भी हुआ कि अब रख देती हूँ किताब , बाद में पढूंगी।
यार जादूगर (Yaar Jadugar), नीलोत्पल मृणाल जी की तीसरी किताब है।
Madhushala हरिवंश राय बच्चन की सबसे मशहूर किताब है।
Neera Arya का जन्म 5 मार्च 1902 को खेकड़ा में हुआ था। बचपन में ही इनके माता – पिता का देहांत हो गया था। सेठ छज्जूमल मिले ने नीरा और उनके भाई को गोद लिया।
“The Monk who sold his Ferrari” किताब में एक छोटी पर बहुत ही खूबसूरत कहानी बताई गई है जो लगती बड़ी साधारण है पर उसके एक एक किरदार असाधारण और अमूल्य है।
अक्सर ही हम ज़िन्दगी की राह में चलते चलते ठिठक से जाते है | हमें एहसास ही नहीं होता की हमें कहाँ जाना है और हमें खुद से या हमारी ज़िन्दगी से चाहिए क्या ??
Room on the Roof का सबसे खूबसूरत हिस्सा इसका अंत लगा। एक प्रकार से देखा जाए तो किताब का अंत, रस्टी के जीवन के एक नए अध्याय का शुरुआत है।