Kashi ka Assi Book Review | बनारस की आत्मा को छूती 5 कहानियाँ
काशी का अस्सी (Kashi Ka Assi), काशीनाथ सिंह जी द्वारा रचित एक बहुचर्चित उपन्यास है। एक ऐसा उपन्यास जो बच्चों और बूढ़ों के लिए नहीं है। काशी का अस्सी ऐसे वर्ग के लिए है जो वयस्क है।
Hindi Book Review
काशी का अस्सी (Kashi Ka Assi), काशीनाथ सिंह जी द्वारा रचित एक बहुचर्चित उपन्यास है। एक ऐसा उपन्यास जो बच्चों और बूढ़ों के लिए नहीं है। काशी का अस्सी ऐसे वर्ग के लिए है जो वयस्क है।
आजकल लोग प्रेम कहानियाँ लिखने में 300 पन्ने खर्च कर डाल रहे है , लेकिन फिर भी उनकी कहानी में वो गहराई नहीं आ पा रही जो आपको अमृता जी की 100 पन्नों की कहानी “रंग का पत्ता (Rang ka Patta)” में मिल जाएगी।
स्वदेश दीपक(Swadesh Deepak) की काल कोठरी और सबसे उदास कविता पढ़ी है , और इनको पढ़ कर मुझे ऐसा लगता है कि स्वदेश दीपक(Swadesh Deepak) जी बोल्ड विषय उठाते है, और उनके किरदार भी बोल्ड होते है
आपका बंटी(Aapka Bunty) किताब में बच्चे की मनःस्थिति को जिस तरीके से मन्नू जी ने लिखा हुआ है वो पढ़ कर आँखों से आंसू भी आते है और दिल में एक टीस भी उठती है।
साक्षात्कार(Sakshatkar) की शुरुआत अच्छी लगी मुझे और अंत भी अच्छा था पर बीच में जो घुमाया गया है , उसको पढ़ने के बीच में मुझे ऐसा भी हुआ कि अब रख देती हूँ किताब , बाद में पढूंगी।
हरिशंकर परसाई(Harishankar Parsai) हिंदी साहित्य में एक बहुत बड़ा नाम है , जो अपनी व्यंग्य विधा के लिए बहुत प्रसिद्ध है
यार जादूगर (Yaar Jadugar), नीलोत्पल मृणाल जी की तीसरी किताब है।
Madhushala हरिवंश राय बच्चन की सबसे मशहूर किताब है।
Neera Arya का जन्म 5 मार्च 1902 को खेकड़ा में हुआ था। बचपन में ही इनके माता – पिता का देहांत हो गया था। सेठ छज्जूमल मिले ने नीरा और उनके भाई को गोद लिया।
“The Monk who sold his Ferrari” किताब में एक छोटी पर बहुत ही खूबसूरत कहानी बताई गई है जो लगती बड़ी साधारण है पर उसके एक एक किरदार असाधारण और अमूल्य है।
अक्सर ही हम ज़िन्दगी की राह में चलते चलते ठिठक से जाते है | हमें एहसास ही नहीं होता की हमें कहाँ जाना है और हमें खुद से या हमारी ज़िन्दगी से चाहिए क्या ??
Room on the Roof का सबसे खूबसूरत हिस्सा इसका अंत लगा। एक प्रकार से देखा जाए तो किताब का अंत, रस्टी के जीवन के एक नए अध्याय का शुरुआत है।
Shirt ka Teesra Button खतम होते होते भावुकता एकदम चरम पर थी। मुझे एक कप कॉफी की जरूरत पड़ी थी।
प्रतिज्ञा(Pratigya) कहानी है त्याग की, मित्रता और शत्रुता की, सामाजिक और व्यक्तिगत विचारों के बदलाव की
“आषाढ़ का एक दिन” एक नाटक है जो कालिदास के जीवन के एक थोड़े से भाग को लेकर लिखी गई है।
कितने-पाकिस्तान : विभाजन के दर्द और मानवता के पहलुओं को उजागर करती यह पुस्तक एक साहित्यिक उत्कृष्टता है