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5 Hindi Books to Read in 2025

5 Hindi books to read in 2025

अगर आप हिंदी किताबें पढ़ने के शौक़ीन है तो जरूर आप ढूंढते होंगे कि कौन कौन सी किताबें अच्छी है , अब कौन सी नयी किताब पढ़ी जाएं।
तो मैं आप लोगों के लिए 5 हिंदी की किताबें लेकर आयी हूँ जो आप 2025 में पढ़ सकते है। हो सकता है कि इनमे से कुछ किताबें आपको टॉप 5 , टॉप 10 में न मिलें , पर जब आप पढ़ेंगे तो आपको यकीन होगा कि हाँ आपने कोई अच्छी किताब पढ़ी है।

1. आपका बंटी

इस किताब का नाम आपने शायद सुन रखा हो। मन्नू भंडारी जी की ये किताब है और काफी प्रचलित भी है। आपका बंटी में एक ऐसे सामाजिक विषय पर बात किया गया है जो काफी महत्वपूर्ण है। एक ऐसे बच्चे की कहानी है जिसके माता पिता अलग – अलग रहते है और आगे चलकर तलाक लेते है। बच्चे की मानसिक स्थिति उस वक्त की लिख पाना मेरे हिसाब से काफी कठिन है , लेकिन मन्नू जी की लेखनी ने अपना काम बखूबी किया है। जब भी मैंने इस किताब को पढ़ा , पूरे माहौल की संवेदनशीलता मुझे महसूस हुई। अगर आप वाकई में एक बेहतरीन किताब पढ़ना चाहते है तो आपका बंटी को एक मौका जरूर दे। 

आपका बंटी किताब की पूरी समीक्षा पढ़ें : Aapka Bunty Book Review in Hindi

Aapka Bunty
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2. रात का रिपोर्टर

रात का रिपोर्टर का नाम आपने भले न सुन रखा हो पर निर्मल वर्मा का जरूर सुन रखा होगा। दिग्गज लेखकों में निर्मल वर्मा जी का नाम आता है। रात का रिपोर्टर एक सस्पेंस वाली किताब है। कहीं कहीं आपको ये पढ़ने को मिल सकता है कि रात का रिपोर्टर किताब इमरजेंसी के समय के बारे में बात करती है। हालॉंकि किताब में कहीं भी ऐसा कोई जिक्र नहीं है।

किताब का मुख्य किरदार ऋषि है , जो कि एक रिपोर्टर है , उसकी स्थिति कुछ इस तरह है कि , लगता है उसे किसी से छुपना है , वो खुल कर रिपोर्ताज नहीं कर सकता। रात का सन्नाटा , सन्नाटे में फ़ोन कॉल , और बाकी किरदार जैसे बिंदु , हालबाख , ये सब कुछ पढ़ना काफी इंटरेस्टिंग है।
हिंदी किताबों(hindi books) में अगर आपकी रूचि है तो ये किताब आप लिस्ट में रख सकते है।

रात का रिपोर्टर किताब की पूरी समीक्षा पढ़ें : रात का रिपोर्टर : समझ और समीक्षा

3. रश्मिरथी

रश्मिरथी के बारे में तो क्या ही कहूँ। कितनी खूबसूरत किताब है। रामधारी सिंह दिनकर , जिन्हें राष्ट्रकवि भी कहा जाता है , उन्होंने लिखी है ये किताब। ये पूरी किताब कुंती पुत्र कर्ण के बारे में है। वीर रस कूट कूट कर भरा है पूरी किताब में। ये कोई उपन्यास , कहानी नहीं बल्कि कविता है। मैं हिंदी किताबें तो काफी पहले से पढ़ती हूँ , लेकिन रश्मिरथी नहीं पढ़ी थी। और बातों ही बातों में जब एक दोस्त को पता चला कि मैंने ये किताब नहीं पढ़ी थी तो उसने मुझे बताया कि मैंने क्या मिस किया है और उसी ने मुझे ये किताब पढ़ने को दो।

और वाकई जब मैंने जब पहली बार रश्मिरथी पढ़ा , मुझे लगा कि आज तक मैंने ये क्यों न पढ़ा।रश्मिरथी को पढ़ते हुए मैंने ये देखा कि इसकी कुछ कविताओं के भाग मैंने पढ़े है और तब मुझे याद आया कि इसके कुछ भाग हमारी हिंदी पाठ्यक्रम में थे। तो हो सकता है कि आपने भी इसके कुछ भाग पढ़े हो पर आपको पता न हो कि ये रश्मिरथी का हिस्सा है।

जैसे हो सकता है आपने ये कविता पढ़ी हो,

सच है, विपत्ति जब आती है ,
कायर को ही दहलाती है ,
शूरमा नहीं विचलित होते ,
क्षण एक नहीं धीरज खोते,
विघ्नों को गले लगाते हैं,
काँटों में राह बनाते हैं।

अगर मौका मिले तो रश्मिरथी जरूर पढ़ें।

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4. रंग का पत्ता

रंग का पत्ता मैंने अभी हाल ही में पढ़ा है। अमृता प्रीतम जी ने लिखी है ये किताब। इसमें दो कहानियाँ है , रंग का पत्ता और जलावतन। दोनों ही बहुत प्यारी है। अमृता प्रीतम की लेखनी में जादू है। बहुत कम पन्नों की है ये किताब और दोनों कहानियाँ है छोटी छोटी पर जीवन के बड़े पहलुओं को छूती है। लिखा कम गया है लेकिन कहा ज्यादा गया है।

रंग का पत्ता में कैली को इतना ताकत देना और कैली के जीवन के जरिये समाज के कई बातों पर नजर डालना, ये सब अमृता प्रीतम जी ने बहुत अच्छे से लिखा है। अमृता जी ने खुद प्रेम पाया है , प्रेम को जिया है और उसी तरह वो प्रेम को पन्ने पर भी बहुत खूबसूरत तरीके से उतारती है। मौका मिले आपको तो अमृता जी की यही नहीं , कोई भी किताब उठा ले आप , आपको अच्छा ही लगेगा।

रंग का पत्ता किताब की पूरी समीक्षा पढ़ें : Rang Ka Patta Book By Amrita Pritam

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5. नीरा आर्य

हम सबको पता है कि भारत को आजादी कितने संघर्षों के बाद मिली थी। इस आजादी के पीछे न जाने कितने लोगों ने अपनी जिंदगी कुर्बान की। हम लोग हर व्यक्ति के बारे में जानते भी नहीं है जिन्होंने आजादी की लड़ाई लड़ी। हाँ कुछ महापुरुषों के बारे में हमें जरूर पता है और उन्ही में से एक थे नेता जी सुभाष चंद्र बोस जिन्होंने ये नारा भी दिया “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हे आजादी दूंगा।” नेता जी ने एक फ़ौज का गठन किया था जिसका नाम था “आजाद हिन्द फ़ौज।”

नीरा आर्य एक आत्मकथा है , इसी आजाद हिन्द फ़ौज में रानी झाँसी रेजिमेंट की सिपाही थी।

आपको ये किताब पढ़ कर , नीरा आर्य के साथ साथ , नेता जी के बारे में , आजाद हिन्द फ़ौज के बारे में , और उस वक्त चल रहे स्वतंत्रता के बारे में काफी कुछ जानने को मिलेगा। ये महज नीरा आर्य की आत्मकथा नहीं है , बल्कि ये हमें उस दौर के हर उस शख्स के हालात के बारे में बताता है जो इस आजादी की लड़ाई में साथ दे रहे थे।

नीरा आर्य किताब की पूरी समीक्षा पढ़ें : Neera Arya की अनसुनी कहानी

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अगर आपकी हिंदी किताबों(hindi books) में रूचि है तो ये सारी किताबें पढ़ने की कोशिश जरूर करें।

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